Transistor Kya Hota Hai Hindi Mein. ट्रांजिस्टर (transistor) एक अर्धचालक युक्ति है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। यह एक छोटी सी युक्ति है जो इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और विद्युत शक्ति को स्विच या अम्प्लिफाई करने के लिए उपयोग की जाती है। ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह p और n प्रकार के अर्धचालक के माध्यम से बनाया गया है। जब अर्धचालक को एक ही प्रकार के अर्धचालकों के बीच केंद्र में रखा जाता है, तो इस व्यवस्था को ट्रांजिस्टर कहा जाता है। हम कह सकते हैं कि एक ट्रांजिस्टर दो डायोड का संयोजन है जो बैक टू बैक जुड़ा हुआ है। ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) डिवाइस है जो कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को एम्प्लॉय या स्विच करने के काम आता है। यह (सेमीकंडक्टर) अर्धचालक पदार्थ से बना होता है जिसे बनाने के लिए ज्यादातर सिलिकॉन और जेर्मेनियम का प्रयोग किया जाता हैं। इसके 3 टर्मिनल होते हैं। जो इसे किसी दूसरे सर्किट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं । इन टर्मिनल को बेस, कलेक्टर और एमिटर कहा जाता है। ट्रांजिस्टर एक तीन टर्मिनल्स वाला इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है। इसके तीन टर्मिनल एमिटर,कलेक्टर तथा बेस कहलाते है। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में क्रांति आ गयी। इसने पूरी दुनिया को ही बदल दिया। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के ही कारण आज हम डिजिटल दुनिया में जी रहे है। सन 1951 में विलियम तथा उसके टीम ने बेल की प्रयोगशाला में ट्रांजिस्टर का अविष्कार किया था। इस अविष्कार के लिए उन्हें दुनिया का सर्वश्रेस्ट नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था। Pnp और npn ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर pnp और npn के बीच एक बड़ा अन्तर यह है की npn ट्रांजिस्टर में collector से emitter के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम. ट्रांजिस्टर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक भाग है, जो सर्किट में विद्युत संकेतों या शक्ति को बढ़ाने या बंद करने के लिए उपयोग होता है। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बनाने में मदद मिलती है और इसका विस्तृत उपयोग करके विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाए जा सकते हैं। ट्रांजिस्टर एक अर्धचालक युक्ति है जो p व n प्रकार के अर्धचालक से बनी होती है यह इलेक्ट्रॉन और विद्युत के प्रवाह को रोकने के काम आता है।.
from www.youtube.com
ट्रांजिस्टर (transistor) एक अर्धचालक युक्ति है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। यह एक छोटी सी युक्ति है जो इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और विद्युत शक्ति को स्विच या अम्प्लिफाई करने के लिए उपयोग की जाती है। ट्रांजिस्टर एक तीन टर्मिनल्स वाला इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है। इसके तीन टर्मिनल एमिटर,कलेक्टर तथा बेस कहलाते है। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में क्रांति आ गयी। इसने पूरी दुनिया को ही बदल दिया। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के ही कारण आज हम डिजिटल दुनिया में जी रहे है। सन 1951 में विलियम तथा उसके टीम ने बेल की प्रयोगशाला में ट्रांजिस्टर का अविष्कार किया था। इस अविष्कार के लिए उन्हें दुनिया का सर्वश्रेस्ट नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था। ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) डिवाइस है जो कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को एम्प्लॉय या स्विच करने के काम आता है। यह (सेमीकंडक्टर) अर्धचालक पदार्थ से बना होता है जिसे बनाने के लिए ज्यादातर सिलिकॉन और जेर्मेनियम का प्रयोग किया जाता हैं। इसके 3 टर्मिनल होते हैं। जो इसे किसी दूसरे सर्किट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं । इन टर्मिनल को बेस, कलेक्टर और एमिटर कहा जाता है। ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह p और n प्रकार के अर्धचालक के माध्यम से बनाया गया है। जब अर्धचालक को एक ही प्रकार के अर्धचालकों के बीच केंद्र में रखा जाता है, तो इस व्यवस्था को ट्रांजिस्टर कहा जाता है। हम कह सकते हैं कि एक ट्रांजिस्टर दो डायोड का संयोजन है जो बैक टू बैक जुड़ा हुआ है। ट्रांजिस्टर एक अर्धचालक युक्ति है जो p व n प्रकार के अर्धचालक से बनी होती है यह इलेक्ट्रॉन और विद्युत के प्रवाह को रोकने के काम आता है।. ट्रांजिस्टर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक भाग है, जो सर्किट में विद्युत संकेतों या शक्ति को बढ़ाने या बंद करने के लिए उपयोग होता है। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बनाने में मदद मिलती है और इसका विस्तृत उपयोग करके विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाए जा सकते हैं। Pnp और npn ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर pnp और npn के बीच एक बड़ा अन्तर यह है की npn ट्रांजिस्टर में collector से emitter के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम.
male female kya hota hai male female ka matlab kya hota hai hindi mein
Transistor Kya Hota Hai Hindi Mein Pnp और npn ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर pnp और npn के बीच एक बड़ा अन्तर यह है की npn ट्रांजिस्टर में collector से emitter के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम. ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह p और n प्रकार के अर्धचालक के माध्यम से बनाया गया है। जब अर्धचालक को एक ही प्रकार के अर्धचालकों के बीच केंद्र में रखा जाता है, तो इस व्यवस्था को ट्रांजिस्टर कहा जाता है। हम कह सकते हैं कि एक ट्रांजिस्टर दो डायोड का संयोजन है जो बैक टू बैक जुड़ा हुआ है। ट्रांजिस्टर (transistor) एक अर्धचालक युक्ति है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। यह एक छोटी सी युक्ति है जो इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और विद्युत शक्ति को स्विच या अम्प्लिफाई करने के लिए उपयोग की जाती है। Pnp और npn ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर pnp और npn के बीच एक बड़ा अन्तर यह है की npn ट्रांजिस्टर में collector से emitter के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम. ट्रांजिस्टर एक तीन टर्मिनल्स वाला इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है। इसके तीन टर्मिनल एमिटर,कलेक्टर तथा बेस कहलाते है। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में क्रांति आ गयी। इसने पूरी दुनिया को ही बदल दिया। ट्रांजिस्टर के अविष्कार के ही कारण आज हम डिजिटल दुनिया में जी रहे है। सन 1951 में विलियम तथा उसके टीम ने बेल की प्रयोगशाला में ट्रांजिस्टर का अविष्कार किया था। इस अविष्कार के लिए उन्हें दुनिया का सर्वश्रेस्ट नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था। ट्रांजिस्टर एक अर्धचालक युक्ति है जो p व n प्रकार के अर्धचालक से बनी होती है यह इलेक्ट्रॉन और विद्युत के प्रवाह को रोकने के काम आता है।. ट्रांजिस्टर एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक भाग है, जो सर्किट में विद्युत संकेतों या शक्ति को बढ़ाने या बंद करने के लिए उपयोग होता है। इससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बनाने में मदद मिलती है और इसका विस्तृत उपयोग करके विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाए जा सकते हैं। ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) डिवाइस है जो कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को एम्प्लॉय या स्विच करने के काम आता है। यह (सेमीकंडक्टर) अर्धचालक पदार्थ से बना होता है जिसे बनाने के लिए ज्यादातर सिलिकॉन और जेर्मेनियम का प्रयोग किया जाता हैं। इसके 3 टर्मिनल होते हैं। जो इसे किसी दूसरे सर्किट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं । इन टर्मिनल को बेस, कलेक्टर और एमिटर कहा जाता है।